भदोखर में श्रद्धांजलि सभा के माध्यम से मृत्युभोज का बहिष्कार किया गया , दी बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम

 इटवा। दी बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में रविवार को स्थानीय विकास क्षेत्र के भदोखर गांव में एक शोकसभा कर मृत्युभोज का बहिष्कार किया गया। सर्वप्रथम मृतक लाला गौतम के चित्र पर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया। बौद्ध भिक्षु सुयश ने उपस्थित अनुयाइयों को त्रिशरण एवं पंचशील ग्रहण कराया,


शोकसभा को संबोधित करते हुए सोसायटी के प्रान्तीय उपाध्यक्ष केदारनाथ आजाद ने कहा कि समाज से मृत्युभोज को खत्म करने का जो बीडा भारतीय बौद्ध महासभा ने उठाया है, वह एक दिन जरूर सफल होगा। जब सतीप्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीति समाज से समाप्त हो सकती है, तो समाज को जागरूक करने से मृत्युभोज भी एक दिन समाप्त हो जायेगी।
 
  जिला संरक्षक लहुरी प्रसाद ने कहा कि बौद्ध धर्म एक वैज्ञानिक धर्म है, इसमें ढोंग, पाखण्ड, आडम्बर व कर्मकाण्ड के लिए कोई स्थान नहीं है। इसलिए हमारे संगठन ने समाज से मृत्युभोज जैसी कुरीति को जड़ से समाप्तकरने के लिए बीड़ा उठाया है।    जिला उपाध्यक्ष डा जेपी बौद्ध ने कहा कि मृत्युभोज को कोई भी खुशी मन से नही करना चाहता है। लोग सामाजिक दबाव से इस कर्मकाण्ड को करते हैं।लार्ड बुद्धा नेशनल चैरिटेबल संस्था के अध्यक्ष जयकिशोर गौतम ने कहा कि जब हमारे देश में मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 के तहत मृत्युभोज को प्रतिबंधित किया गया है, तब इसको लोग क्यों करते हैं ? शासन -प्रशासन को चाहिए कि इस अधिनियम का कडाई से पालन करवाकर मृत्युभोज पर पूर्णतया अंकुश लगायें। राजस्थान सरकार ने मृत्युभोज को करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ जुर्माना के साथ जेल जाने का कठोर कानून बनाया है, जो सराहनीय है। तहसील अध्यक्ष अनिल कुमार गौतम ने आयोजक मयाराम गौतम का आभार प्रकट किया। बेटे के मृत्यु के पश्चात कोई भी कर्मकाण्ड नही किया।   तहसील अध्यक्ष बांसी राधेश्याम बौद्ध ने कहा कि मै चाहता हूं कि इस कुरीति को खत्म करने मे समाज के संपन्न व धनाढ्य लोगो आगे आना चाहिए, तभी यह समाप्त हो सकता है।    कार्यक्रम का सफल संचालन इटवा महासचिव राम प्रगट बौद्ध ने किया।      इस अवसर पर अनिल बौद्ध , महिपत, रमपति, विशाल गौतम, आकाश गौतम, रामराज, बजरंगी गौतम, राम अचल, बब्लू, मुन्नु गौतम ,पन्नीलाल, किशन, दीपक, अशोक सहित भारी संख्या में बच्चे व महिलाएं मौजूद रहीं।


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