कार्यवाही के आभाव में जिम्मेदारो की लापरवाही का दंश झेल रही बालिकायें
- स्टाफ के अभाव में धूल फांक रहा है कम्यूटर
इटवा, सिद्धार्थनगर। इटवा विकास क्षेत्र के ग्राम सिसवां बुजर्गं में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राए जिम्मेदारो की उदासीनता का दंश झेलने को मजबूर है। कार्यवाही के आभाव में अभिभावक व छात्राओं का इस विद्यालय से मोह भंग हो रहा है। शायद यही कारण है कि दिन प्रतिदिन यहां छात्राओं की संख्या में कमी हो रही है। नामांकन के सापेक्ष यहां चन्द छात्राएं ही शिक्षा ग्रहण कर रही है। बताया जाता है कि यहां अधिकांश स्टाफ नानाप्रकार के बहाने बनाकर अैार विद्यालय से अपने गांव चले जाते है और हफ्तो गायब रहते है। एक तो स्टाफ की कमी दूसरे कर्मियों व अध्यापको का अक्सर गायब रहना यहां के बालिकाओं को अखर रहा है। गांव के बाहर बने इस विद्यालय पर समय पर भोजन व नास्ता भी न दिये जाने की शिकायत है। बताया जा रहा है कि यही कारण है कि जो बच्चियां छुटटी आदि में घर चली जाती है वे दुबारा वापस बड़ी मंुश्किल में हो रही है। इसके अलावा अधूरे बाउन्ड्रीबाल से परिसर मे जंगली सुअर व अन्य पशुओं का भी भय रहता है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के बच्चियों को निःषुल्क षिक्षा तथा अन्य संसाधन मुहैया कराकर स्वावलम्बी बनाना शासन की मंषा पर यहां पूरी तरह पानी फिरता नजर आ रहा है। साथ ही एकाउन्टेन्ट पर कभी कभार आने का आरोप है। यहां स्टाफ के नाम पर वार्डेन आशा गुप्ता, फुलटाइम टीचर माया मौर्या ,पार्ट टाइम टीचर काजी सब्बर अजीज, मुख्य रसोईया सुनीता पासवान, सहायक रसोईया मंजू देवी तथा शैलेष कुमार के अलावा एक एकाउन्टेन्ट की तैनाती बताई जा रहही है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि कभी एक साथ सारे स्टाफ देखने को नहीं मिलते । किसी न किसी बहाने अक्सर गायब रहने की मानों परम्परा सी हो गई है। छात्राओं ने तेल , साबुन के अलावा खानापान सामग्री में भी लापरवाही करने का आरोप लगाया है। उत्तर तरफ की बाउंड्री वाल बना ही नहीं है। सामने का गेट और बाउंड्री वाल टूटा गया है। वार्डेन आशा गुप्ता ने बताया जो शासन व विभाग द्वारा जो सुविधा दी जा रही है, उसी के अनुसार अच्छा से अच्छा सुविधा देने का प्रयास करती हूं। बीईओं राजेष कुमार ने कहा कि जांच की जायेगी।