सरताज आलम
सिद्धार्थनगर। मिशन शक्ति फेज 5 के अन्तर्गत महिला एवं बाल कल्याण विभाग व मानव सेवा संस्थान सेवा के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार की शाम को ककरहवा में बाल विवाह की रोकथाम हेतु हितधारकों एवं ग्रामीणों के साथ सशस्त्र सीमा बल 43वीं वाहिनी की सीमा चौकी ककरहवा के सहायक कमाण्डेंट कैलाश दान की अध्यक्षता में जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए बाल संरक्षण अधिकारी विवेक कुमार मालवीय ने कम उम्र में होने वाले बाल विवाह के दुष्परिणामों को अवगत कराते हुए सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए चाइल्ड लाइन के कोऑर्डिनेटर सुनील कुमार उपाध्याय ने कहा कि बाल विवाह समाजिक बुराई तो है ही, साथ ही साथ ये कानून अपराध भी है। यदि कम उम्र में बच्चों की शादी होती है तो उससे कई प्रकार के नुकसान है जैसे जच्चा बच्चा दोनों अस्वस्थ हो जाता है, कई प्रकार की योजनाओं का लाभ भी कम उम्र में शादी होने के कारण नही मिल पाता है। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए वन स्टाप सेंटर की केस वर्कर नीलू उपाध्याय ने भी बाल विवाह के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए वन स्टाप सेंटर द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाली सेवाओ की विस्तृत जानकारी दी। मानव सेवा संस्थान सेवा के प्रोग्राम मैनेजर जय प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा सहायक है, जागरूकता अभियान चलाकर ही बाल विवाह रोका जा सकता है। बाल विवाह मानवाधिकारों का उलंघन है, यह लड़कियों के जीवन और भविष्य को खतरे में डालता है। अंत में संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए सहायक कमांडेंट कैलाश दान ने कहा कि बाल विवाह से बच्चों का बचपन खत्म हो जाता है, और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण से वंचित किया जाता है, इसलिए हम सब की जिम्मेदारी है की बाल विवाह मुक्त जनपद बनाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। इस अवसर पर समाज सेवी अविनाश कुमार सिंह, पुलिस चौकी ककरहवा से मुख्य आरक्षी सत्येंद्र यादव, ज्योति, सुनीता, निर्मला, गुड्डा जायसवाल, कमलेश चौधरी, संदीप कुमार, वीरेन्द्र, सिंधिया, अमन जायसवाल, रमेश जायसवाल, पशुपति, सहित भारी संख्या में एसएसबी एवं पुलिस के जवान तथा ग्रामीण मौजूद रहें।