सरताज आलम
शोहरतगढ/सिद्वार्थनगर।
जिले के नगर पंचायत शोहरतगढ़ के नीबी दोहनी में आबादी की जमीन पर अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने पहुंची तहसीलदार के साथ राजस्व व पुलिस टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। मकान स्वामी के परिजन ध्वस्त के विरोध में मकान के सामने बैठ गये। तहसील प्रशासन का विरोध करते हुए बैठे हुए लोगों ने कहा कि 40 वर्षों से यह मकान बना है। इसी नम्बर पर कुछ नया मकान बना है, न्यायालय में वाद चल रहा है। मकान गिराना है तो आदेश दिखा दीजिए, नहीं तो हम लोगों के ऊपर से बुलडोजर चला दीजिए। वहीं नगर पंचायत निवासी राम गोपाल 1990 से मकान बनवाकर रहते थे। इसी जमीन पर राजेन्द्र शर्मा और गुड्डू का कब्जा है। वहीं 2002 में 115सी के तहसील प्रशासन ने राम गोपाल पर बेदखली की कार्रवाई की। उसके बाद 2005 में जमीन को खसरे में आबादी दर्ज किया गया। उसके बाद 2016 में इसी जमीन की लैंड पर सालिया पत्नी मुनीर के नाम से पट्टा आवंटित किया गया और इसी वर्ष में दो पट्टा और सालिया पत्नी मुनीर के नाम आवंटित कर दिया गया।
2019 में सालिया पत्नी मुनीर व रामगोपाल के बीच न्यायालय में समझौता पत्र पेश किया गया था कि जिस जमीन पर मकान बना हुआ है, वह रामगोपाल की है और जो सहन है वह जमीन सालिया पत्नी मुनीर की है। सालिया 03 अगस्त 2024 को तहसील समाधान दिवस में डीएम के समक्ष शिकायत पत्र दिया था कि मेरे पट्टे जमीन पर रामगोपाल, राजेन्द्र शर्मा और गुड्डू ने मकान बना लिया है। मामले को संध्या में लेकर डीएम ने जांच कर कार्रवाई करने के लिए आदेश दिये थे। वहीं तहसीलदार व राजस्व निरीक्षक समेत पुलिस टीम ने गुरुवार को बुलडोजर लेकर कब्जा खाली कराने पहुंचे। परिजनों ने मकान ध्वस्त करने का आदेश दिखाने की मांग करने लगे। काफी बहस के बाद अगले डेट तक कार्रवाई नहीं करने पर सहमति बनी। तहसीलदार अजय कुमार ने अगले डेट तक कागजात उपलब्ध कराने को कहा है। कागजात नहीं उपलब्ध कराने पर अतिक्रमण खाली कराया जायेगा।